अगर किसी के खिलाफ झूठी F.I.R. कर दी जाए तो बचने के लिए क्या करना होता है।

अगर किसी व्यक्ति या फर्म के खिलाफ किसी प्रकार की झूठी F.I.R. लिखवा दी जाती है तो उसे व्यक्ति को सबसे पहले अपनी बेगुनाही के सबूत इकट्ठा करने अति आवश्यक होते हैं क्योंकि सबूत के आधार पर ही फिर को झूठा साबित किया जाता है। 

F.I.R. निरस्त करने की प्रक्रिया - 

पुलिस चार्जशीट - किसी भी F.I.R.  के जांच को उपरांत जब पुलिस अपनी चार्जशीट कोर्ट में पेश करती है और उसमें अगर पाया जाता है F.I.R.  झूठी है तो कोर्ट के द्वारा स्वयं ही केस को समाप्त कर दिया जाएगा।

हाईकोर्ट द्वारा - अगर आप चाहते हैं कि F.I.R.  को पुलिस की चार्ट शीट से पहले ही खत्म कर दिया जाए तो आपको हाई कोर्ट जाना होगा और वहां पर अपने सबूत को पेश करना होगा अगर कोर्ट को आपके सबूत सही लगते हैं तो वह F.I.R.  को निरस्त कर सकता है।   

F.I.R. को निरस्त करने की शक्तियां -

पुलिस - पुलिस के पास किसी भी F.I.R.  को निरस्त करने की शक्ति नहीं होती है। 

डिस्ट्रिक्ट कोर्ट - पुलिस के अलावा डिस्टिक कोर्ट के पास भी फिर को निरस्त करने की शक्तियां नहीं होती हैं। 

हाई कोर्ट - सीआरपीसी की धारा 482 के अनुसार हाई कोर्ट को यह अधिकार है कि वह किसी भी F.I.R.  को रद्द कर सकता है जब उसे आभास हो कि F.I.R.  झूठी है और पीड़ित को परेशान एवं बदनाम करने के आधार से की गई है। 

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