उपहति क्या है ? स्वेच्छा उपहति कारित करने पर सजा ?

उपहति क्या है ? स्वेच्छा उपहति कारित  करने पर सजा ?


उपहति क्या है ?
उपहति को भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 114 में परिभाषित किया गया है। 
भारतीय न्याय संहिता की धारा 114 के अनुसार - जब कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति को शारीरिक पीड़ा पहुंचता है या किसी रोग से ग्रसित करता है या कोई अंग शैथिल करता है तो वह उपहति कारित करता है। 

स्वेच्छा उपहति कारित  करने पर सजा - जो कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति को स्वेच्छा उपहति पहुंचना है तो वह भारतीय न्याय संहिता की धारा 155(2) के तहत 1 वर्ष तक की सजा या ₹10000 तक के जुमाने से या दोनों से दंडित किया जा सकता है यह एक असंगेय अपराध है और किसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय अपराध है। 

सजा - 1 वर्ष तक या 10000रू तक या दोनों। 
अपराध - असंज्ञेय और जमानती। 
न्यायालय - किसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय। 

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