अंडरटेकिंग एक व्यक्तिगत वचन, वादा या बंधपत्र होता है जिसके अंतर्गत उन शर्तों का उल्लेख किया जाता है जिस पर न्यायालय किसी व्यक्ति को जमानत पर रिहा करने के लिए सहमत होता है।
अंडरटेकिंग में लिखी जाने वाली शर्तें - सामान्यतः अंडरटेकिंग में वही शर्तें लिखी जाती हैं जिनकी न्यायालय द्वारा मांग की जाती है जिसमें से कुछ निम्नलिखित है।
1. यह कि अंडरटेकिंग कर्ता उक्त नाम पते का निवासी है। एवं मामले में अभियुक्त बनाया गया है।
2. यह की अंडरटेकिंग कर्ता उक्त वाद में न्यायालय द्वारा जब भी बुलाया जायेगा, उपस्थित रहेगा एवं विचारण में पूर्ण सहयोग प्रदान करेगा।
3. यह की अंडरटेकिंग कर्ता उक्त वाद से सम्बन्धित किसी भी साक्षी को डरायेगा या धमकायेना नहीं और न ही अपने पक्ष में साक्ष्य देने के लिये प्रलोभित करेगा।
4. यह की अंडरटेकिंग कर्ता उक्त वाद में आरोप विचरण, साक्ष्य एवं बयान धारा -313 दं.प्र.सं. की कार्यवाही के स्तर पर व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होगा।
5. यह की अंडरटेकिंग कर्ता न्यायालय की अनुमति के बिना भारत की सीमा से बाहर नहीं जाएगा।
अंडरटेकिंग में दी हुई शर्तों उल्लंघन - अगर किसी व्यक्ति या किसी मामले के अभियुक्त द्वारा न्यायालय मैं दी गई अंडरटेकिंग की किसी भी शर्त का उलंघन किया जाता है तो यह न्यायालय की अवमानना मानी जाती है। और न्यायालय उसके विरुद्ध कानूनी करवाई कर सकता है।
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