63 - बलात्संग - यदि कोई पुरुष -
क. अगर कोई व्यक्ति किसी महिला की योनी मुख गुदा या मूत्र मार्ग में अपना लिंग किसी भी सीमा तक प्रवेश कराता है या उससे ऐसा करवाता है या किसी अन्य व्यक्ति के साथ कराता है, या
ख. अगर कोई व्यक्ति किसी महिला की योनि मूत्र मार्ग या गुदा में कोई ऐसी वस्तु या शरीर का कोई भाग जो लिंग ना हो किसी भी सीमा तक प्रवेश करता है या उससे ऐसा करवाता है या किसी अन्य व्यक्ति के साथ कराता है, या
ग. अगर कोई व्यक्ति किसी महिला के शरीर के किसी भाग को इस प्रकार से पकड़ता है जिससे कि उस महिला की योनि गुदा या मूत्र मार्ग या शरीर के किसी भाग में प्रवेश किया जा सके या उससे ऐसा अपने या किसी अन्य व्यक्ति के साथ कराता है, या
घ. अगर कोई व्यक्ति किसी महिला की योनि गुदा या मूत्र मार्ग मैं अपना मन लगता है या उससे ऐसा अपने साथ या किसी अन्य व्यक्ति के साथ करता है।
तो उसके बारे में यह कहा जाएगा कि उसने बलात्संग किया है।
बलात्संग के लिए निम्नलिखित 7 परिस्थितियों में से किसी एक भांति की स्थिति का होना आवश्यक है।
1. इच्छा के विरुद्ध - अगर कोई व्यक्ति इस प्रकार का कार्य उसे महिला की इच्छा के विरुद्ध करता है तो वह बलात्संग का दोषी होगा।
2. सम्मति के बिना - अगर कोई व्यक्ति इस प्रकार का कार्य उस महिला की सम्मति के बिना करता है तो वह बलात्संग का दोषी होगा।
3. मृत्यु या उपहति का भय - अगर कोई व्यक्ति किसी महिला की सम्मति इस प्रकार के डर के आधार पर प्राप्त करता है कि वह उसे या उस व्यक्ति को जिससे वह हितबद्ध है को मार डालेगा या उपाधि पहुंचायेगा तो वह बलात्संग का दोषी होगा।
4. महिला से विवाहित होने का धोखा - अगर कोई व्यक्ति किसी महिला की सम्मति इस आधार पर प्राप्त करता है कि वह उसे महिला का पति है और वह यह भली-भांति जानता हो कि वह उसका पति नहीं है लेकिन महिला अपनी सहमति उसे आधार पर देती है कि वह उसे विधि पूर्ण विवाहित है और वह उसका पति है तो वह पुरुष बलात्संग का दोषी होगा।
5. चित्त विकृत या मत्तता के कारण - अगर कोई व्यक्ति किसी महिला की सम्मति उसे स्थिति में प्राप्त करता है जब वह चित्त विकृत या मत्तता के कारण इसकी प्रकृति और परिणाम को समझने में असमर्थ हो तो वह व्यक्ति बलात्संग का दोषी होगा।
6. 18 वर्ष से कम आयु - अगर कोई व्यक्ति इस प्रकार का कार्य किसी महिला की सम्मति से या उसकी सम्मति के बिना उस समय करता है जब वह 18 वर्ष से कम आयु की हो तो वह बलात्संग का दोषी होगा।
7. सम्मति संसूचित करने में असमर्थ - अगर कोई व्यक्ति किसी महिला की सम्मति उसे समय प्राप्त करता है जब वह सम्मति संसूचित करने में असमर्थ हो तो वह बलात्संग का दोषी होगा।
अगर किसी व्यक्ति के द्वारा इन साथ परिस्थितियों के आधार पर किसी महिला के साथ इस प्रकार का कार्य किया जाएगा तो वह बलात्संग का अपराधी होगा लेकिन निम्नलिखित परिस्थितियों में बलात्संग का अपराधी नहीं होगा।
1. चिकित्सीय प्रकिया - अगर किसी व्यक्ति द्वारा किसी महिला के साथ इस प्रकार का कार्य चिकित्सीय प्रक्रिया के दौरान किया जाएगा तो वह बलात्संग का अपराधी नहीं होगा।
2. पत्नी के साथ - अगर किसी व्यक्ति द्वारा अपनी पत्नी के साथ (जब वह 18 वर्ष से काम की ना हो) इस प्रकार का कार्य किया जाता है तो वह बलात्संग का अपराधी नहीं होगा।
बलात्संग के लिए दंड - अगर किसी व्यक्ति द्वारा किसी महिला के साथ बलात्संग का अपराध किया जाता है तो वह भारतीय न्याय संहिता की धारा 64 के अनुसार दण्डनीय होगा।
भारतीय न्याय संहिता, धारा - 64 - बलात्संग के लिए दंड - भारतीय न्याय संहिता की धारा 64 के अनुसार बलात्संग के दंड को दो भागों में बांटा गया है।
1. अगर कोई व्यक्ति उपधारा 2 में दिए गए मामलों के सिवाय बलात्संग करेगा तो वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से जिसकी अवधि कम से कम 10 वर्ष की होगी किंतु आजीवन कारावास तक की हो सकेगी और जुर्माने से दंडित किया जाएगा।
2. अगर कोई व्यक्ति उपाधारा 2 में दिए गए मामलों के अंतर्गत बलात्संग करेगा तो है कठोर कारावास से जिसकी अवधि कम से कम 10 वर्ष किंतु आजीवन कारावास तक की हो सकेगी जिसमें उसे व्यक्ति के शेष प्राकृतिक जीवन काल के लिए करवा अभिप्रेरित होगा से दंडित किया जाएगा और जमाने के लिए भी दी होगा।
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