भारतीय न्याय संहिता धारा 2. परिभाषाएं - इस संहिता में, जब तक कि संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो,
BNS धारा 2(1) - "कार्य" कार्यों की आवनी का उसी प्रकार द्योतक है, जिस प्रकार एक कार्य का
BNS धारा 2(2) - जीवजंतु से मानव से भिन्न कोई जीवित प्राणी अभिप्रेत है;
BNS धारा 2(3) - शिशु से अठारह वर्ष से कम आयु का कोई व्यक्ति अभिप्रेत है;
BNS धारा 2(4) - "फूटकरण कोई व्यक्ति, जो एक चीज को दूसरी चीज के सदृश इस आशय से करता है कि वह उस सदृश से प्रवंचना करे, या यह संभाव्य जानते हुए करता है कि उसके द्वारा प्रवंचना की जाएगी, वह 'कूटकरण करता है, यह कहा जाता है:
स्पष्टीकरण 1 - कूटकरण के लिए यह आवश्यक नहीं है कि नकल ठीक वैसी ही हो ।
स्पष्टीकरण 2 - जब कोई व्यक्ति एक चीज को दूसरी चीज के सदृश कर दे और सादृश्य ऐसा है कि उसके द्वारा किसी व्यक्ति को प्रवंचना हो सकती है. तो जब तक कि प्रतिकूल साबित न किया जाए, यह उपधारणा की जाएगी कि जो व्यक्ति एक चौज को दूसरी चीज के इस प्रकार सदृश बनाता है उसका आशय उस सदृश द्वारा पवंचना करने का था या वह यह सम्भाव्य जानता था कि उसके द्वारा प्रवंचना की जाएगी;
BNS धारा 2(5) - 'न्यायालय' से वह न्यायाधीश, जिसे न्यायिकतः कार्य करने के लिए विधि दद्वारा अकेले ही सशक्त किया गया है, या कोई न्यायाधीश-निकाय, जिसे एक निकाय के रूप में न्यायिकतः कार्य करने के लिए विधि द्वारा सशक्त किया गया है, जबकि ऐसा न्यायाधीश या न्यायाधीश-निकाय न्यायिकतः कार्य कर रहा है, अभिप्रेत है,
BNS धारा 2(6) -"मृत्यु" से जब तक कि संदर्भ से प्रतिकूल प्रतीत न हो, मानव की मृत्यु अभिप्रेत है;
BNS धारा 2(7) - 'बेईमानी" से इस आशय से कोई कार्य करना अभिप्रेत है जो एक व्यक्ति को सदोष अभिलाभ कारित करे या अन्य व्यक्ति को सदोष हानि कारित करे:
BNS धारा 2(8) - "दस्तावेज" से कोई ऐसा विषय अभिप्रेत है, जिसको किसी पदार्थ पर अक्षरों, अंर्को या चिहों के साधनों द्वारा, या उनसे एक से अधिक साधनों द्वारा अभिव्यक्त या वर्णित किया गया है, और इसके अंतर्गत ऐसे इलैक्ट्रॉनिक और डिजिटल अभिलेख भी हैं, जो उस विषय के साक्ष्य के रूप में उपयोग किए जाने के लिए आशयित है या जिनका उपयोग किया जा सकेगा:
स्पष्टीकरण 1- यह तत्वहीन है कि किस साधन द्वारा या किस पदार्थ पर अक्षर, अंक या चिह्न बनाए गए हैं, या यह कि साक्ष्य किसी न्यायालय के लिए आशयित है या नहीं, या उसमें उपयोग किया जा सकेगा या नहीं।
दृष्टांत
(क) किसी संविदा के निबंधनों को अभिव्यक्त करने वाला कोई लेख, जिसे उस संविदा के साक्ष्य के रूप में उपयोग किया जा सकेगा, दस्तावेज है।
(ख) बैंककार पर दिया गया चेक, दस्तावेज है ।
(ग) मुख्तारनामा, दस्तावेज है।
(घ) मानचित्र या रेखांक, जिसको साक्ष्य के रूप में उपयोग में लाने का आशय हो या जो उपयोग में लाया जा सकेगा, दस्तावेज है;
(ङ) जिस लेख में निर्देश या अनुदेश अन्तर्विष्ट हों, दस्तावेज है।
स्पष्टीकरण 2 - अक्षरों, अंकों या चिह्नों के द्वारा, जो कुछ भी वाणिज्यिक या अन्य प्रथा के अनुसार व्याख्या करने पर अभिव्यक्त होता है, वह इस धारा के अर्थ के अन्तर्गत ऐसे अक्षरों, अंकों या चिह्नों से अभिव्यक्त हुआ समझा जाएगा, चाहे वह वास्तव में अभिव्यक्त न भी किया गया हो ।
दृष्टांत
एक विनिमयपत्र की पीठ पर, अपना नाम लिख देता है, जो उसके आदेश के अनुसार देय है। वाणिज्यिक प्रथा के अनुसार व्याख्या करने पर इस पृष्ठांकन का अर्थ यह है कि धारक को विनिमयपत्र का भुगतान कर दिया जाए। पृष्ठांकन एक दस्तावेज है और इसका अर्थ उसी प्रकार से लगाया जाएगा मानो हस्ताक्षर के ऊपर 'धारक को भुगतान करें" शब्द या उस प्रभाव वाले शब्द लिख दिए गए हो।
BNS धारा 2(9) - 'कपटपूर्वक' से कपट करने के आशय से कोई कार्य करता अभिप्रेत है, अन्यथा नहीं ।
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