जब किसी व्यक्ति के पास से पुलिस को अवैध असला (देसी कट्टा) , कारतूस या गोला बारूद आदि बरामद होता है और वह उचित लाइसेंस दिखने में असमर्थ होता है तो पुलिस द्वारा आर्म्स एक्ट की धारा 3/25 के तहत कार्यवाही करके उस व्यक्ति को मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया जाता है।
धारा 3/25 आर्म्स एक्ट क्या है?
आर्म्स एक्ट की धारा 3/25 साथ में ही लागू होती है। जहां धारा 3 के अनुसार अवैध असला (देसी कट्टा) , कारतूस या गोला बारूद रखने को अवैध बताती है एवं धारा 25 के अनुसार दंड का प्रावधान है।
धारा 3 आर्म्स एक्ट - आर्म्स एक्ट 1959 की धारा 3 के अनुसार अगर कोई व्यक्ति बिना किसी उचित लाइसेंस के अपने पास अवैध असला (देसी कट्टा) , कारतूस या गोला बारूद रखता है तो वह अपराध कार्य करता है।
धारा 25 आर्म्स एक्ट - आर्म्स एक्ट 1959 की धारा 25 के अनुसार अगर कोई व्यक्ति धारा 3 के अंतर्गत कोई अपराधिक कार्य करता है तो वह कम से कम 2 वर्ष या 5 वर्ष तक के कारावास से एवं जुर्माना से या कारावास और जुर्माना दोनों से दंडित किया जा सकता है।
आर्म्स एक्ट की धारा 3/25 किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है?
आर्म्स एक्ट की धारा 3/25 प्रथमवर्ग न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।
धारा 3/25 आर्म्स में जमानत प्रार्थना पत्र केसे लिखे -
जब किसी व्यक्ति के पास से पुलिस को अवैध असला (देसी कट्टा) , कारतूस या गोला बारूद आदि बरामद होता है और वह उचित लाइसेंस दिखाने में असमर्थ होता है तो पुलिस द्वारा आर्म्स एक्ट की धारा 3/25 के तहत कार्यवाही करके उस व्यक्ति को मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया जाता है। तब अधिवक्ता द्वारा सामान्यतः निम्नलिखित आधारों पर अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र माननीय न्यायालय केे समक्ष प्रस्तुुत किया जााता है।
न्यायलय श्रीमान मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट _____________
ज.प्र.प.स. सन्
सरकार उत्तर प्रदेश बनाम xxxxxx
धारा – 3/25 A. Act
थाना – xxxxxxx
मु.अ.स. – xxxxxx
महोदय,
जमानत प्रार्थना पत्र मिनजनिब xxxxxx उम्र 22 वर्ष पुत्र xxxxx ग्राम xxxxx थाना xxxxx जिला xxxxx की ओर से निम्नलिखित हैं।
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आधार जमानत
1. यह कि प्रार्थी/अभियुक्त निर्दोष है व रंजिसन झूठा फसाया गया है।
2. यह कि प्रार्थी/अभियुक्त एक सीधा-साधा व्यक्ति है जिसे पुलिस ने प्रार्थी के विपक्षियों से मिलकर झूठा मुकदमा पंजीकृत कर दिया है।
3. यह कि कथित घटना के समय कोई भी स्वतंत्र जन साक्षी नहीं है। जिससे उपरोक्त घटना फर्जी वह नुमाइसी प्रतीत होती है।
4. यह कि प्रार्थी/अभियुक्त के पास से कोई भी अवैध असला व कारतूस बरामद नहीं हुआ है
5. यह कि प्रार्थी/अभियुक्त का कोई भी आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है।
6. यह कि प्रार्थी/अभियुक्त दिनांक xxxxxxx से जेल में बंद है।
7. यह कि प्रार्थी/अभियुक्त घर का इकलौता कमाने वाला व्यक्ति है। जिसके जेल में रहने से प्रार्थी का परिवार भुखमरी के कगार पर आ जाएगा।
8. यह की प्रार्थी/अभियुक्त के जमानत के पर्याप्त आधार है।
प्रार्थना
अतः श्रीमान जी से प्रार्थना है कि प्रार्थी को दौरान जमानत पर रिहा करने की कृपा करें।
दिनांक - प्रार्थी / अभियुक्त
xxxxx पुत्र xxxxx
निवासी - ग्राम – xxx
थाना - xxxxxxx
द्वारा – अधिवक्ता जिला- xxxxxxx
जमानत प्रार्थना पत्र धारा 3/25 आर्म्स एक्ट का प्रारूप -
धारा 3/25 आर्म्स एक्ट की जमानत प्रार्थना पत्र के साथ सामान्यतः अधिवक्ता द्वारा वकालत नामा लगाकर पेश किया जाता है।
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