झाऊ बनाम स्टेट आफ उत्तर प्रदेश...
झाऊ बनाम स्टेट आफ उत्तर प्रदेश के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक विधिक सिद्धांत प्रतिपादित किया
जिसमें इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि अभियुक्त को अगर आईपीसी की धारा 363 और धारा 366 में एक साथ दो सिद्ध किया गया हो तो वहां पर धारा 363 में अलग से सजा देना उचित नहीं है क्योंकि धारा 366 उसका व्रहत रूप है।
अर्थात हमें कह सकते हैं कि अगर किसी व्यक्ति को आईपीसी की धारा 363 और 366 में एक साथ दोषी पाया गया है तो उसे मात्र धारा 366 के तहत ही दंड दिया जाएगा ना कि एक साथ 363 और 366 दोनों के अनुसार।
केस - झाऊ बनाम स्टेट आफ उत्तर प्रदेश।
जेल अपील संख्या - 4024/2019
जजमेंट दिनांक - 27/04/2019
إرسال تعليق