दिल्ली हाईकोर्ट ने 29 हफ्ते के गर्भ को गिराने के लिए अनुमति दी।

दिल्ली हाई कोर्ट ने आज एक मामले की सुनवाई के दौरान प्रजनन विकल्प के दौरान प्रजनन न करने का अधिकार भी शामिल है को ध्यान में रखते हुए एक महिला को जो की 29 सप्ताह है का गर्भधारण किए हुए थे उसे गर्भ को गिराने की अनुमति दे दी है। 

महिला अत्यधिक सदमे में हैं। 
कोर्ट ने कहा कि पति की मृत्यु के बाद महिला अत्यधिक सदमे में और उसे अगर गर्भ गिराने की अनुमति नहीं दी जाती है तो उसकी मानसिक स्थिति और भी दैवीय हो सकती है। 

महिला आत्महत्या करने की बात कर रही है। 
पति की मृत्यु के बाद महिला अत्यधिक सदमे में हैं और वह निरंतर आत्महत्या करने कि बात कर रही है। 

एम्स द्वारा गठित मेडिकल बोर्ड ने सौंप है रिपोर्ट। 
महिला के स्वास्थ्य संबंधी जानकारी के लिए एवं द्वारा एक मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया था जिसने अपनी रिपोर्ट में कहा कि महिला ने अवसादग्रस्त मनोदशा, आत्मघाती भ्रूणहत्या के विचार व्यक्त किए हैं। 

कोर्ट का निर्णय
इन सभी तत्वों को ध्यान में रखते होंगे न्यायालय ने कहा कि महिला को गर्भ गिराने की अनुमति दे दी जानी चाहिए। शादी न्यायालय ने कहा किया है निर्णय विशेष परिस्थितियों में दिया गया है इसे अन्य मामलों में मिसाल के तौर पर पेश न किया जाए।  

Post a Comment

أحدث أقدم