हरीश रोशन कर्णेवार बनाम लीलावती रीना कर्णेवार के मामले में मुंबई हाई कोर्ट ने कहा कि कोई भी व्यक्ति इस आधार पर तलाक की मांग नहीं कर सकता है कि उसके जीवनसाथी को मिर्गी आती है।
इस मामले में पति ने न्यायालय में तलाक की अर्जी पेश की थी और उसने इसका आधार मिर्गी को बताया था लेकिन जांच में पाया गया की पत्नी मिर्गी से पीड़ित नहीं है। अदालत ने पाया कि पत्नी का इलाज करने वाले एक न्यूरोलॉजिस्ट के अनुसार, वह केवल मस्तिष्क दौरे से पीड़ित थी, मिर्गी से नहीं।
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