सुप्रीम कोर्ट ने सरकार द्वारा जारी आदेश कावड़ यात्रा मार्ग में लगने वाली दुकानों पर दुकानदार के नेम प्लेट लगाने वाले आदेश पर फिलहाल रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से इस सम्बंध में 26 जुलाई तक रिपोर्ट मांगी है और तब तक के लिए सरकार द्वारा जारी आदेश पर रोक लगा दी है।
क्या था कावड़ यात्रा मार्ग पर लगने वाली दुकानों के लिए सरकार का आदेश - पिछले दिनों सरकार द्वारा कावड़ यात्रा के संबंध में एक आदेश जारी किया गया था। जिसमें कहा गया था कि कावड़ यात्रा मैं लगने वाली प्रत्येक दुकान पर दुकानदार का नाम लिखा जाना आवश्यक है।
पुलिस प्रशासन ने लिया था एक्शन - सरकार द्वारा नेम प्लेट लगाई जाने के आदेश के उपरांत पुलिस प्रशासन द्वारा कढ़ाई की गई एवं कई स्थानों पर स्वयं जाकर दुकानदार के नाम की प्लेट उसे दुकान के सामने लगाई गई थी। जिसका भारी मात्रा में विरोध हुआ लेकिन पुलिस प्रशासन के द्वारा की गई कढ़ाई के उपरांत कई स्थान पर इस प्रकार की नेम प्लेट देखने को मिली थी।
नेम प्लेट लगाने का आदेश सरकार द्वारा क्यों जारी किया गया था - सरकार का मानना था कि कावड़ यात्रा हिंदू धर्म की एक पवित्र यात्रा और किसी भी व्यक्ति को अपनी पहचान छुपा कर किसी अन्य धर्म के व्यक्ति को कुछ खिलाने पिलाने की इजाजत नहीं दी जा सकती है। कई जगहों पर इस संबंध में कई व्यक्तियों का पर्दाफाश भी हुआ है। जो कि बरसों से अपना नाम बदलकर अपना धंधा चल रहे थे।
क्या सरकार द्वारा जारी नेम प्लेट लगाने का आदेश सही था - अगर सही गलत की दृष्टि से देखा जाए तो यह आदेश काफी हद तक सही भी था क्योंकि किसी भी व्यक्ति को अपनी पसंद के व्यक्ति के यहां खाना खाने रहने ठहरने आदि का पूर्ण हक है लेकिन अगर वही कोई व्यक्ति अपना नाम पहचान छुपा कर कोई धंधा कर रहा है तो यह पूर्णता गलत है।
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